आज सुबह खबर मिली कि विनोद खन्ना नहीं रहे. उन पर फिल्माया गया गीत - कोई होता जिसको अपना हम अपना कह लेते - मेरी कविता की दुनिया में पदार्पण का महत्वपूर्ण योगदान है. मैं भाईसाब को लेकर एक काव्यगोष्ठी में गया था. मुझसे कोई कविता सुनाने को जब कहा गया तब मैंने यह गीत कविता की तरह सुनाया था.
ऊपर दी गई प्लेलिस्ट में आप यह गीत और अन्य गीत भी सुन सकते हैं.
उनकी फिल्म अचानक और इम्तहान ने मुझे बहुत प्रभावित किया. कमाल की कहानी और कमाल का अभिनय. आरोप का माया गोविन्द का लिखा गीत - नैनों में दर्पण है - मुझे बहुत प्रिय है.